उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में Organisational Structure of UP outsource Seva Nigam की तैयारी के लिये पहला कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में आउटसोर्सिंग सेवाओं को मानकीकृत, पारदर्शी और कर्मचारी-हितैषी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के तहत उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम (Uttar Pradesh outsourcing Seva Nigam – UPCOS) की स्थापना की गई है।
इस निगम का आर्गनाईजेशनल स्ट्रक्चर (Organisational Structure) एक बहु-स्तरीय, सुव्यवस्थित एवं जवाबदेही तय करने वाला ढाँचा है, जिसे राज्य स्तर से लेकर स्थानीय स्तर तक कुशलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह लेख UPCOS के Organisational Structure of UP outsource Seva Nigam की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करता है।
उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम की संगठनात्मक संरचना (Organisational Structure of UP outsource Seva Nigam)
निगम का संगठनात्मक ढाँचा निम्नलिखित प्रमुख घटकों में बाँटा गया है:
- बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (Board of Directors – BOD)
- सलाहकार समिति (Advisory Committee)
- निगम मुख्यालय (Corporate Headquarters)
- विभिन्न स्तरीय मॉनिटरिंग समितियाँ (Tiered Monitoring Committees)
- (D-1) शासन/निदेशालय/नगर निगम/स्थानीय निकाय स्तरीय समिति
- (D-2) मंडल स्तरीय समिति
- (D-3) जिला स्तरीय समिति
- (D-4) स्थानीय स्तरीय समिति

1. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (Board of Directors – BOD): शीर्ष नेतृत्व
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स Organisational Structure of UP outsource Seva Nigam के शीर्ष निर्णयनकारी निकाय के रूप में कार्य करता है। इसकी संरचना राज्य के सर्वोच्च अधिकारियों को शामिल करते हुए की गई है:
| पदनाम (Designation) | विभाग/विवरण (Department/Details) |
|---|---|
| अध्यक्ष | मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन |
| सचिव | महानिदेशक, UPCOS |
| डायरेक्टर | अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, सचिवालय प्रशासन विभाग |
| डायरेक्टर | अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, वित्त विभाग |
| डायरेक्टर | अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, कर्मचारी विभाग |
| डायरेक्टर | अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, कार्य विभाग |
| डायरेक्टर | अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, न्याय विभाग |
बोर्ड के प्रमुख कार्य एवं अधिकार:
- निगम की समस्त रणनीतिक दिशा (Strategic Directions) और नीतियाँ (Policies) तय करना।
- निगम के प्रबंधन, संचालन की देखरेख और कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करना।
- निगम मुख्यालय के पद सृजन एवं वेतन संरचना का निर्धारण करना।
- वार्षिक बजट का सैद्धांतिक अनुमोदन प्रदान करना।
- आउटसोर्सिंग एजेंसियों द्वारा कर्मचारियों के वेतन, ईपीएफ, ईएसआईसी आदि के भुगतान की जाँच करना।
- यह सुनिश्चित करना कि आरक्षण संबंधी नियमों का पूर्ण रूप से पालन हो रहा है।
2. सलाहकार समिति (Advisory Committee): विशेषज्ञ मार्गदर्शन
इस नए एवं जटिल विषय पर मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए 06 सदस्यों की एक सलाहकार समिति गठित की गई है। इसमें शामिल हैं:
- मानव संसाधन विशेषज्ञ (2)
- उद्यमी (2)
- टैक्नोक्रेट (1)
- कंसलटेंट (1)
यह समिति बोर्ड को निगम के कार्यों तथा आउटसोर्स्ड कर्मचारियों के कल्याण संबंधी मामलों पर समय-समय पर सलाह देगी।

3. निगम मुख्यालय (Corporate Headquarters): कार्यकारी इकाई
निगम मुख्यालय संगठनात्मक संरचना (Organisational Structure of UP outsource Seva Nigam) का कार्यकारी अंग है, जो दैनिक प्रशासनिक कार्यों को संचालित करता है। इसकी पद सृजन संरचना इस प्रकार है:
| क्रम संख्या | पदनाम | पद संख्या | नियुक्ति प्रक्रिया |
| 1. | महानिदेशक | 1 | कैडर पोस्ट (पे-लेवल 14, वेतन मैट्रिक्स-37,400 – 67,000) |
| 2. | कार्यकारी निदेशक | 2 | आन डेपुटेशन पायंट डायरेक्टर रैंक (पे-लेवल 12, वेतन मैट्रिक्स-15,600 – 39,100) |
| 3. | जनरल मैनेजर | 2 | आउटसोर्सिंग (एम.बी.ए., एच.आर. एवं 10 वर्ष कार्य करने का अनुभव) (वेतन-1,00,000) |
| 4. | मैनेजर (ऑपरेशन, एच.आर., प्रशासन, वित्त एवं लेखा, आई.टी., लीगल) | 5 | आउटसोर्सिंग (स्नातक एवं स्पेशलाईजेशन इन रिलेटेड फील्ड) (वेतन-40,000) |
| 5. | महानिदेशक का वैयक्तिक सहायक | 1 | आउटसोर्सिंग (पी.जी./ टेक्नोलॉजी/कम्प्यूटर की योग्यता) (वेतन-30,000) |
| 6. | वित्त-नियंत्रक | 1 | वित्त विभाग से डेप्युटेशन पर |
| 7. | कम्पनी सचिव | 1 | पार्ट टाईम यथाव्ययकता सेवा के अनुसार धनराशि |
| 8. | सीनियर एकाउन्टेन्ट | 8 | आउटसोर्सिंग (एम.कॉम., 05 वर्ष का अनुभव) (वेतन-30,000) |
| 9. | डाटा इंट्री ऑपरेटर्स | 40 | आउटसोर्सिंग (स्नातक, कम्प्यूटर कार्य से संबंधित प्रमाण-पत्र) (वेतन-25,000) |
| 10. | कार्यालयीय अधीनस्थ कर्मचारी | 12 | आउटसोर्सिंग (हाईस्कूल) (वेतन-21,000) |
| 11. | चौकीदार | 3 | आउटसोर्सिंग (जूनियर हाईस्कूल) (वेतन-20,000) |
| 12. | सीपर/सफाई कर्मचारी | 2 | आउटसोर्सिंग (जूनियर हाईस्कूल) (वेतन-20,000) |
निगम मुख्यालय का उद्देश्य निगम के लक्ष्यों की प्राप्ति, कर्मचारियों की समस्याओं का निवारण और सभी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना है।
4. मॉनिटरिंग समितियाँ: बहु-स्तरीय निगरानी तंत्र
Organisational Structure of UP outsource Seva Nigam की सबसे विशिष्ट विशेषता इसकी बहु-स्तरीय निगरानी प्रणाली है, जो यह सुनिश्चित करती है कि आउटसोर्सिंग प्रक्रिया हर स्तर पर पारदर्शी और नियमानुसार हो।
(D-1) शासन/निदेशालय/नगर निगम/स्थानीय निकाय/प्राधिकरण एवं अन्य संस्थाओं की कमेटी संरचना-
शासन/निदेशालय/नगर निगम/स्थानीय निकाय एवं अन्य संस्थाओं हेतु आउटसोर्सिंग मैनपावर के सेवाओं के प्राप्ति हेतु अभ्यर्थी की योग्यता एवं अहर्ता सत्यापन तथा मॉनिटरिंग के लिए निम्नानुसार कमेटी का गठन किया जायेगा: –
| पद / भूमिका | विवरण / पदनाम |
| 1 अध्यक्ष | 1. संबंधित अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव (उत्तर प्रदेश शासन हेतु) 2. कुलपति / प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी/ विभागीय (HOD) / संस्था के अध्यक्ष / सी.ई.ओ. (संबंधित विभाग / संस्था हेतु) |
| 2 सदस्य/संयोजक | विभाग के द्वितीय स्तर के अधिकारी |
| 3 सदस्य | वित्त विभाग के प्रतिनिधि/वित्त नियंत्रक |
(D-2) मण्डल स्तरीय कमेटी की संरचना: –
आउटसोर्सिंग मैनपावर के सेवाओं के प्राप्ति हेतु योग्यता एवं अहर्ता सत्यापन तथा मॉनिटरिंग के लिए मण्डलीय पदों हेतु मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में निम्नानुसार कमेटी का गठन किया जायेगा: –
| क्रम संख्या | पद / भूमिका | पदनाम / विवरण |
| 1. | अध्यक्ष | मण्डलायुक्त |
| 2. | सदस्य/संयोजक | संयुक्त विकास आयुक्त |
| 3. | सदस्य | संबंधित विभाग के मण्डल स्तरीय अधिकारी |
जिला एवं स्थानीय स्तरीय मॉनिटरिंग समितियों की संरचना
निगम (UPCOS) के तहत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की योग्यता सत्यापन और कार्यों की निगरानी हेतु विभिन्न स्तरों पर समितियों का गठन किया जाएगा।
(D-3) जिला स्तरीय समिति
यह समिति जिला स्तर पर कार्य करेगी।
| क्रम संख्या | पदनाम / भूमिका |
| 1. | अध्यक्ष जिलाधिकारी |
| 2. | सदस्य/संयोजक मुख्य विकास अधिकारी |
| 3. | सह-संयोजक जिला सेवायोजन अधिकारी |
| 4. | सदस्य संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी |
(D-4) स्थानीय स्तरीय समिति
यह समिति स्थानीय निकायों/कार्यालयों के स्तर पर कार्य करेगी।
| क्रम संख्या | पदनाम / भूमिका |
| 1. | अध्यक्ष मुख्य कार्यपालक अधिकारी |
| 2. | सदस्य/ संयोजक एच.आर. हेड (मानव संसाधन प्रमुख) |
| 3. | सदस्य वित्त नियंत्रक |
आउटसोर्सिंग सेवा प्राप्त करने की प्रक्रिया एवं महत्वपूर्ण प्रावधान
उपरोक्त समितियों द्वारा सेवाओं की प्राप्ति के स्थापन तथा मॉनिटरिंग के पश्चात् सेवाओं हेतु पास आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सूची आउटसोर्स्ड एजेंसी को भेजी जायेगी।
- संबंधित कर्मचारी को आउटसोर्सिंग एजेंसियों द्वारा पेसमेंट इनफॉरमेशन लेटर उपलब्ध कराया जायेगा एवं ईपीएफ (EPF), ईएसआईसी (ESIC) खाता खुलवाना सुनिश्चित किया जायेगा।
- कर्मचारियों को ईपीएफ एवं ईएसआईसी आदि सुविधा प्रदान करने हेतु आईडी कार्ड जारी करने के लिए पेसमेंट इनफॉरमेशन लेटर (PIL) की एक प्रति आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा निगम को उपलब्ध कराया जायेगा।

महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण एवं शर्तें (धारा 14-17)
- नियमित पदों का विकल्प नहीं: आउटसोर्स्ड कर्मचारियों की सेवाएं सृजित/नियमित पदों के विकल्प नहीं ली जा रही हैं। यह नियमित सेवाओं का विकल्प नहीं होगा।
- सेवा का स्वरूप: उक्त सेवायें वर्क कांट्रैक्ट / पर्सनल कांट्रैक्ट /अन्य आदि रूप में होगा। विभाग द्वारा यथाव्ययकता आउटसोर्सिंग ऑफ मैनपावर व आउटसोर्सिंग ऑफ सर्विसेज़ द्वारा सेवायें ली जायेंगी। आउटसोर्सिंग ऑफ सर्विसेज़ में कार्यरत कर्मचारियों के हितों को भी सुनिश्चित किया जायेगा।
- निगम के लिए अपवाद: अपरिहार्यता एवं विभागीय कार्यप्रणालीक शासकीय आवश्यकता के परिप्रेक्ष्य में निगम कार्यालय के संचालन हेतु नियमित पदों/सृजित पदों के सापेक्ष कतिपय कर्मचारियों को आउटसोर्स्ड के माध्यम से लिया जाना होगा। जो अपवाद स्वरूप होगा।
- पूर्ववर्ती व्यवस्था: उपरोक्त आदेश केवल निगम (UPCOS) के गठन के पश्चात् आउटसोर्स्ड कर्मचारी पर लागू होंगे।
- न्यूनतम पारिश्रमिक: पारिश्रमिक की न्यूनतम सीमा प्रस्तावित की गयी है, विभाग इससे अधिक पारिश्रमिक यदि दे रहे हैं, तो वह जारी रहेगा।
- समीक्षा: सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम पारिश्रमिक को आधार मूल्य मानकर समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा आउटसोर्स्ड मैनपावर के पारिश्रमिक में वृद्धि किया जायेगा।
- बजट व्यवस्था: संबंधित प्रशासकीय विभाग जिसके अधीन आउटसोर्सिंग एजेंसी कार्यरत है, द्वारा बजट में यथाव्ययकता बजट प्रावधान कराया जायेगा तथा आउटसोर्सिंग मद के अन्तर्गत पारिश्रमिक के भुगतान हेतु पर्याप्त बजट उपलब्ध न होने की स्थिति में अन्य मदों में होने वाली बचतों/पुनर्विनियोजन/अनुपातिक अनुदान के माध्यम से पर्याप्त बजट की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। प्रशासकीय विभागों द्वारा आउटसोर्सिंग ऑफ सर्विसेज/मैनपावर हेतु आउटसोर्सिंग एजेंसी को सीधे ही भुगतान किया जायेगा।
- भविष्य में संशोधन: आउटसोर्सिंग कारपोरेशन की उक्त प्रणाली के कार्यान्वयन होने के उपरांत प्राप्त प्रणाली में शासकीय कार्यहित/अपरिहार्यता के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त प्रणाली में किसी कठिनाई की परिस्थिति में कोई परिवर्तन / संशोधन माननीय मुख्यमंत्री जी के अनुमोदनोपरांत किया जायेगा।
- अनुपालन: इस संबंध में मुझे यह कहने का निदेश है कि उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम के गठन के फलस्वरूप उपरोक्त दिशा-निर्देशों/ स्थापित व्यवस्था का अनुपालन समस्त विभागों, विभागीय कार्यालयों, विभिन्न संस्थाओं, उपक्रमों एवं अधिकरणों, समितियों, आटोनोमोस बॉडीज, लोकल बॉडीज, सेमी आटोनोमोस बॉडीज एवं राज्य पोषित संस्थानों, डेवलपमेंट बोर्डस, जिला, तहसील एवं ब्लॉक स्तरीय कार्यालयों इत्यादि में सुनिश्चित किया जाय।
क्या Organisational Structure of UP outsource Seva Nigam से लाभ होगा।
उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम (UPCOS) का Organisational Structure एक व्यापक, जवाबदेह और पारदर्शी ढाँचा है। यह शीर्ष स्तर पर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के मार्गदर्शन से लेकर जमीनी स्तर पर विभिन्न मॉनिटरिंग समितियों के माध्यम से कार्य करता है।
Organisational Structure of UP outsource Seva Nigam का उद्देश्य न केवल आउटसोर्सिंग प्रक्रिया को सुचारू बनाना है, बल्कि आउटसोर्स्ड कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना और उन्हें सम्मानजनक कार्य वातावरण प्रदान करना भी है। यह निगम उत्तर प्रदेश में शासन की गुणवत्ता और दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।