Outsource Karmchari Vetan Shikayat – कर्मचारियों के वेतन की सुरक्षा के लिए श्रम विभाग का बड़ा कदम, अब 0755-2555582 नंबर पर व्हाट्सएप करके दर्ज करा सकेंगे शिकायत.
शहर और संभाग के हजारों Outsource कर्मचारियों के चेहरे पर अब एक नई रौनक देखने को मिलेगी। उनकी महीने-दर-महीने वेतन को लेकर होने वाली दिक्कतों और देरी का अब एक स्थायी और आसान हल निकल आया है। मध्य प्रदेश श्रम विभाग ने Outsource Employees के हित में एक ऐतिहासिक और जमीनी पहल करते हुए एक विशेष व्हाट्सएप नंबर जारी किया है।
क्या है Shram Vibhag WhatsApp Number?
अब से अगर किसी भी सरकारी दफ्तर, निगम, मंडल या शासकीय संस्था में काम करने वाले Outsource Employees को उसका वेतन तय समय सीमा में नहीं मिलता है, तो वह सीधे तौर पर WhatsApp Vetan Shikayat Number – 0755-2555582 के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। यह जानकारी Outsource Employees संघ के संभाग अध्यक्ष श्री गुलशन मंसूरी ने एक विशेष बातचीत में दी है।
आउटसोर्स कर्मचारी Vetan Na Milne Par Kya Karen?
हम सभी जानते हैं कि हमारे शहर और आस-पास के इलाकों में सैकड़ों सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों, स्कूलों और नगर निगमों में हजारों की तादाद में Outsource Employees काम करते हैं। अब से अगर किसी भी सरकारी दफ्तर, निगम, मंडल या शासकीय संस्था में काम करने वाले Outsource Employees को उसका वेतन तय समय सीमा में नहीं मिलता है, तो वह सीधे तौर पर WhatsApp Vetan Shikayat Number – 0755-2555582 के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
लेकिन अक्सर इन्हें अपना वेतन समय पर मिलने को लेकर जद्दोजहद करनी पड़ती थी। वेतन में होने वाली इसी देरी और अनिश्चितता को दूर करने के लिए श्रम विभाग ने यह व्यवस्था लागू की है। यह सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा की एक मजबूत कड़ी है।
क्या है Outsource Karmchari Vetan Niyam?
श्रम विभाग ने इस मामले में कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि अगर किसी भी निगम, मंडल या शासकीय संस्था में 1000 से कम Outsource Employees कार्यरत हैं, तो उन सभी का वेतन हर महीने की 7 तारीख तक जमा करना अनिवार्य होगा।
वहीं, अगर किसी संस्थान में 1000 से अधिक Outsource Employees हैं, तो प्रबंधन के पास थोड़ा अतिरिक्त समय है, लेकिन उन्हें भी हर महीने की 10 तारीख तक सभी कर्मचारियों का वेतन भुगतान करना होगा। यह एक कानूनी जरूरत बना दी गई है, इसे नजरअंदाज करने का मतलब है सीधे तौर पर नियमों की अवहेलना करना।

कैसे करें शिकायत? WhatsApp Vetan Shikayat Number.
अब सवाल उठता है कि अगर फिर भी वेतन न मिले तो कर्मचारी क्या करें? इसका जवाब बेहद आसान है। श्रम विभाग ने शिकायत दर्ज करने का प्रक्रिया को इतना सरल बनाया है कि कोई भी कर्मचारी बिना किसी झंझट के अपनी बात पहुंचा सकता है।
अगर किसी कर्मचारी को उसका वेतन तय तारीख (7 या 10 तारीख) तक नहीं मिलता, तो वह अपनी शिकायत सीधे व्हाट्सएप नंबर 0755-2555582 पर भेज सकता है। इसके लिए उसे कहीं जाने की या लंबे चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। बस एक मैसेज में अपनी पूरी समस्या लिखकर भेजनी है।
Outsource Karmchari Vetan Shikayat में क्या लिखें? यह रहा सही तरीका
व्हाट्सएप के जरिए शिकायत करते समय कर्मचारियों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि उनकी शिकायत का निपटारा जल्दी हो सके:
- अपना पूरा नाम: शिकायत में अपना पूरा नाम स्पष्ट रूप से लिखें।
- पिता का नाम: इससे पहचान में आसानी होगी।
- मोबाइल नंबर: अपना एक सक्रिय मोबाइल नंबर जरूर दर्ज कराएं ताकि अधिकारी जरूरत पड़ने पर संपर्क कर सकें।
- काम करने की जगह का पूरा विवरण: जैसे – किस नगर निगम, किस अस्पताल, किस स्कूल या किस विभाग में काम करते हैं।
- कंपनी का नाम: उस आउटसोर्सिंग कंपनी का नाम बताएं जिसके through आपको नियुक्त किया गया है।
- महीना और तनख्वाह का विवरण: साफ लिखें कि किस महीने का वेतन नहीं मिला है और कितनी रकम बाकी है।
- कोई सबूत: अगर वेतन न मिलने का कोई सबूत जैसे पेमेंट स्लिप, ईमेल या कोई दूसरा दस्तावेज है तो उसकी फोटो भी भेज सकते हैं।
इस तरह की पूरी और सही जानकारी मिलने पर श्रम विभाग तुरंत कार्रवाई शुरू करेगा।
Outsource Karmchari Vetan Shikayat मिलने के बाद क्या होगा? विभाग की कार्रवाई
अब सबसे अहम सवाल यह है कि क्या सच में इस नंबर पर शिकायत करने से कोई फायदा होगा? श्रम विभाग ने इसके लिए एक पूरी एक्शन प्लान तैयार किया है। जैसे ही विभाग को व्हाट्सएप के जरिए कोई शिकायत मिलती है, उसे एक रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।
इसके बाद संबंधित संस्थान के प्रबंधन और आउटसोर्सिंग एजेंसी से तत्काल जवाब तलब किया जाएगा। अगर शिकायत सही पाई जाती है, तो उन्हें 24 से 48 घंटों के भीतर वेतन का भुगतान करने का सख्त निर्देश दिया जाएगा। साथ ही, भविष्य में ऐसी गलती न दोहराए जाने की चेतावनी भी दी जाएगी। लगातार शिकायतें मिलने पर विभाग जुर्माना और दूसरे कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है।
Outsource Employees संघ का क्या है रुख?
इस पूरी पहल में Outsource Employees संघ की अहम भूमिका रही है। संघ के संभाग अध्यक्ष श्री गुलशन मंसूरी ने इस कदम का जमकर स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि यह Outsource कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ी जीत है।
उन्होंने कहा, “लंबे समय से हमारी यह मांग थी कि कर्मचारियों के वेतन को लेकर एक पारदर्शी और त्वरित शिकायत निवारण तंत्र बने। आखिरकार श्रम विभाग ने हमारी बात सुनी और यह व्यवस्था लागू की। अब कर्मचारियों को अपने वेतन के लिए अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। एक मैसेज से उनकी बात सीधे विभाग तक पहुंचेगी।” श्री मंसूरी ने सभी कर्मचारियों से इस नंबर का भरपूर इस्तेमाल करने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की अपील की है।

कर्मचारियों में आशा की नई किरण
इस खबर का असर स्थानीय Outsource कर्मचारियों पर काफी सकारात्मक देखने को मिल रहा है। शहर के एक प्राइमरी हेल्थ सेंटर में काम करने वनीता, जो एक Outsource नर्स है, ने बताया, “कई बार दो-दो महीने तक वेतन अटका रहता था। घर का खर्च चलाने में बहुत दिक्कत होती थी। ऊपर से मैनेजमेंट से पूछने पर कोई सही जवाब नहीं मिलता था।
अब लगता है कि हमारी समस्या सुनने वाला कोई है।” इसी तरह, नगर निगम में सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करने वाले रामकुमार ने कहा, “ये व्हाट्सएप नंबर हम जैसे गरीब लोगों के लिए वरदान है। हमें लिखना-पढ़ना ज्यादा नहीं आता, लेकिन बच्चों की मदद से एक ऑडियो मैसेज या मैसेज भेजकर अपनी बात कह सकते हैं। अब डर नहीं लगता।”
निष्कर्ष: एक नई शुरुआत
निसंदेह, श्रम विभाग का यह फैसला Outsource कर्मचारियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला साबित होगा। यह सिर्फ एक नंबर जारी करने भर की बात नहीं है, बल्कि यह सरकार की उस सोच को दर्शाता है जो श्रमिकों के कल्याण और उनके अधिकारों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
इससे न केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि उनकी कार्यक्षमता में भी सुधार आएगा। अब यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं ताकि कोई भी Outsource Employees अन्याय का शिकार न हो।
अगर आप या आपके आस-पास कोई Outsource Employees है, तो उस तक यह जानकारी जरूर पहुंचाएं और उन्हें 0755-2555582 नंबर पर व्हाट्सएप करके अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए प्रेरित करें। यही इस पहल की सच्ची सफलता होगी।