जानिए आउटसोर्स कर्मचारियों को पूरा वेतन, EPF, ESIC और आरक्षण कैसे मिलेगा। यूपी सरकार की नई पारदर्शी नीति।

उ0प्र0 सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को शोषण से मु्क्त करने के लिये UP Outsource Seva Nigam Formation का शासनादेश जारी कर दिया है। जैसा कि हम को यह मालूम है कि उत्तर प्रदेश शासन के विभिन्न विभागों तथा संस्थाओं में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों की सेवाएं प्राप्त की जा रही हैं।

आउटसोर्सिंग एजेन्सीज द्वारा कर्मचारियों को शासन/विभागों से उपलब्ध करायी जा रही पारिश्रमिक की पूर्ण धनराशि उपलब्ध नहीं कराई जा रही है तथा कतिपय मामलों में नियमित रूप से ई0पी0एफ0, ई0एस0आई0 आदि जमा नही किया जा रहा है।

उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में यह आवश्यक हो गया है कि एक ऐसे निगम का गठन किया जाए जिसके नियंत्रण व देखरेख में आउटसोर्सिंग एजेन्सियाँ, आउटसोर्स्ड मैनपावर को शासन के विभिन्न विभागों व संस्थाओं को उनकी आवश्यकतानुसार सेवायें उपलब्ध करायें।

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UP Outsource Seva Nigam Formation -आउटसोर्सिंग सेवा निगम का गठन।

इस प्रकार एक ऐसी पारदर्शी प्रणाली बनायी जाए, जिसके माध्यम से आउटसोर्स्ड इकाईज की सेवाएं व सुविधाएं समस्त विभागों, विभागीय कार्यालयों, विभिन्न संस्थाओं, उपक्रमों एवं अधिकरणों, समितियों, आटोनोमोस बॉडीज, लोकल बॉडीज, सेमी आटोनोमोस बॉडीज एवं राज्य पोषित संस्थानों, डेवलपमेंट बोर्डस, जिला, तहसील एवं ब्लॉक स्तरीय कार्यालयों इत्यादि को समस्त प्रदेश में उपलब्ध करायी जा सके।

इस प्रणाली को लागू करने के लिए UP Outsource Seva Nigam का गठन कम्पनीज एक्ट, 2013 के सेक्शन-8 के अन्तर्गत एक नान प्रोफिट आर्गनाईजेशन के रूप में सृजित किए जाने का निर्णय लिया गया है।

up outsource seva nigam official Shashnadesh Out
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Vision of UP Outsource Seva Nigam Formation – उ0प्र0 आउटसोर्सिंग सेवा निगम का दृष्टांत

आउटसोर्स्ड कर्मचारियों को पूरा पारिश्रमिक तथा अन्य सुविधाएं सुगमता व समय से उपलब्ध कराना। इसके लिए एक प्रभावी एवं पारदर्शी प्रणाली बनायी जायेगी, जो कर्मचारियों के हित लाभ के साथ आरक्षण व्यवस्था का अनुपालन सुनिश्चित करेगी।

Objectives of UP Outsource Seva Nigam – उ0प्र0 आउटसोर्सिंग सेवा निगम का मुख्य उद्देश्य क्या है।

UP Outsource Seva Nigam का मुख्य उद्देश्य उटसोर्सिंग एजेन्सी के माध्यम से स्किल्ड, सेमी स्किल्ड एवं अनस्किल्ड मैनपावर को शासन के समस्त विभागों एवं संस्थाओं को उपलब्ध कराना।

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान हेतु उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम का गठन किया गया है। आउटसोर्सिंग कापोरेशन एक “नियामक निकाय” (Regulatory Body) की भांति कार्य करेगा, जो प्रचलित कानूनों, नियमों एवं मानकों (Laws, Rules and Standards) के माध्यम से आउटसोर्सिंग एजेन्सी के कार्य प्रणालिया एवं कार्य-गतिविध के कमांड एवं नियंत्रण (Command and Control) हेतु मानकों (Standards) को प्राप्त करेगा।

Benefit of UP Outsource Seva Nigam – उ0प्र0 आउटसोर्सिंग सेवा निगम से लाभ।

  1. विभाग द्वारा कर्मचारियों की मांग को UP Outsource Seva Nigam द्वारा आउटसोर्सिंग एजेन्सी के माध्यम से विभाग को सेवा प्रदान कराया जाना।
  2. आउटसोर्सिंग एजेन्सियों से कर्मचारियों को प्रत्येक माह की 01 तारीख से 05 तारीख तक पारिश्रमिक उपलब्ध कराया जाना।
  3. कर्मचारियों के EPF तथा ESIC के खाते खुलवा कर धनराशि उनके खाते में जमा कराया जाना सुनिश्चित करना।
  4. कर्मचारियों को EPF, ESIC एवं बैंक के अन्तर्गत समस्त अनुमोदित सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना।
  5. कर्मचारियों की कार्यकुशलता/दक्षता बढ़ाये जाने हेतु समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाना।
  6. एस.सी/एस.टी., ओ.बी.सी., दिव्यांगजन, महिलाओं, ई0डी0 एल0एस0, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित तथा भूतपूर्व सैनिकों इत्यादि को नियमानुसार आरक्षण सुनिश्चित कराना।

UP Outsource Seva Nigam करेगा आउटसोर्सिंग एजेन्सीज का चयन एवं इम्पैनलमेंट

  1. आउटसोर्सिंग एजेन्सियों का चयन UP Outsource Seva Nigam द्वारा जेम पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम 03 वर्ष अथवा कार्य आवश्यकता की समाप्ति तक जो पहले हो तक के लिए इम्पैनलमेंट किया जाएगा।
  2. निगम, संबंधित क्षेत्र विभाग/अधीनस्थ संस्था एवं आउटसोर्सिंग एजेन्सी के मध्य Tripartite Agreement के माध्यम से समस्त प्रक्रियायें संचालित की जायेंगी।
  3. कर्मचारी का नियोक्ता (Employer) आउटसोर्सिंग एजेन्सी होगा एवं निगम आउटसोर्सिंग एजेन्सियों के माध्यम से विभागों को सेवायें उपलब्ध करायेगा।
  4. एजेन्सी को कार्य संपादन न किये जाने की स्थिति में ही ब्लैक लिस्ट अथवा पैनेल्टी लगाते हुए हटाया जायेगा।

UP Outsource Seva Nigam से तय होगा आउटसोर्सिंग एजेन्सी का दायित्व

  1. आउटसोर्सिंग एजेन्सियों द्वारा प्रत्येक दशा में माह की 05 तारीख तक आउटसोर्स्ड कर्मचारियों के खाते में पारिश्रमिक दिया जायेगा।
  2. नये आउटसोर्सिंग कर्मचारियों एवं पुराने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों जिनका ई0पी0एफ0 व ई0एस0आई0सी0 का खाता नहीं खुला हो, उनका खाता खुलवाना एवं धनराशि कर्मचारियों के खाते में जमा कराना प्रथम दायित्व व होगा।
  3. उक्त की पुष्टि से संबंधित प्रमाण-पत्र UP Outsource Seva Nigam को प्रत्येक माह की 10 तारीख से पूर्व प्रस्तुत करना होगा तत्पश्चात निगम द्वारा कमीशन की धनराशि एजेन्सी को दी जायेगी।

UP Outsource Seva Nigam से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवायें प्राप्त करने की प्रक्रिया

  1. कर्मचारियों की सेवायें प्राप्त करने हेतु निगम (UPCOS) की देखरेख में निगम द्वारा निर्धारित SOP के अनुसार, विभाग/संस्था द्वारा निर्धारित शैक्षिक एवं अन्य अहर्ताओं के अनुसार, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम अनुभाग-2 के शासनादेश संख्या-57/18-2-2024-97(ल0उ0)/2016, दिनांक 26-11-2024 में निहित प्रावधानों/शर्तें एवं तदसंबंध में निर्धारित आरक्षण का अनुपालन आउटसोर्सिंग एजेन्सी द्वारा किया जायेगा।
  2. अभ्यर्थियों की तैनाती के लिए सेवायोजन विभाग द्वारा तैयार किये गये पोर्टल से कैण्डीडेट्स को वरिष्ठता क्रम के अन्तर्गत सेवायें प्राप्त किये जाने हेतु सेवा प्रदाता से विभागों द्वारा कर्मचारियों की मांग के अनुसार यथा एक कर्मचारी के लिए पोर्टल से पांच आवेदनकर्ताओं तथा 02 या 02 से अधिक कर्मचारियों की मांग पर तीन गुना परंतु न्यूनतम दस आवेदनकर्ताओं में से सेवा प्राप्त किया जायेगा।
  3. UP Outsource Seva Nigam द्वारा बनाये गये पारदर्शी व्यवस्था के अनुसार कर्मचारियों की क्षमता, योग्यता का मूल्यांकन करते हुए आउटसोर्सिंग एजेन्सी द्वारा सेवा लिया जायेगा, जिसमें संबंधित विभाग की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।
  4. आउटसोर्सिंग कर्मचारी को आउटसोर्सिंग एजेन्सी द्वारा स्वयं बदला/हटाया नहीं जा सकता है। अनुशासनहीनता तथा दण्डनीय अपराध आदि की स्थिति में संबंधित विभाग/संस्था एवं निगम की सहमति के पश्चात ही हटाया जा सकेगा।
  5. अभ्यर्थियों के सेवायें प्राप्त करने की प्रक्रिया आउटसोर्सिंग एजेन्सी द्वारा अभ्यर्थी की पारिवारिक आय, अभ्यर्थी की आयु, पद हेतु निर्धारित शैक्षिक योग्यता, लिखित परीक्षा, साक्षात्कार के प्राप्तांक एवं स्थानीय निवास (जनपद स्तरीय, मण्डल स्तरीय, राज्य स्तर पद के लिए) के आधार पर विभाग एवं निगम के पर्यवेक्षण में की जायेगी।
  6. श्रेणी-3 एवं श्रेणी-4 के पदों हेतु कोई साक्षात्कार नहीं होगा।
  7. विधवा/तलाकशुदा/परित्यक्ता महिलाओं को वरीयता प्रदान की जायेगी।
  8. वेरीफाइड आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सूची संबंधित समिति द्वारा निगम (UPCOS) को भेजी जायेगी। (UPCOS) द्वारा यह सूची आउटसोर्सिंग एजेन्सी को प्रेषित किया जायेगा। अन्तिम रूप से सेवाओं हेतु लिये गये आउटसोर्सिंग कर्मचारी को आउटसोर्सिंग एजेन्सी द्वारा पेसमेंट इनफार्मेशन लेटर जारी किया जायेगा।
UP Outsource Seva Nigam Formation
UP Outsource Seva Nigam Formation (2)

सेवाओं की प्राप्ति हेतु मापदण्ड (Selection Criteria and Marks Distribution)

निम्न तालिका UPCOS प्रणाली के तहत आउटसोर्स्ड कर्मचारियों के चयन के लिए मानकीकृत अंकन योजना को दर्शाती है:

क0सं0मापदण्डों के निर्धारण का आधार (Criteria Basis)अधिकतम अंक (Maximum Marks)
1.निर्धारित योग्यता के अतिरिक्त/अधिमानी योग्यता (Higher than the prescribed qualification / Preferred qualification)25 अंक
2.विधवा/तलाकशुदा/परित्यक्ता (महिला) (Widowed/Divorced/Abandoned Woman)10 अंक
3.लिखित परीक्षा में प्राप्तांक (Score in the Written Examination)50 अंक
4.स्थानीय निवास (Local Residence – District, Division, or State Level)15 अंक
कुल (Total)100 अंक

प्रत्येक मापदण्डों हेतु प्राप्त अंकों के निर्धारण हेतु निम्नवत् प्रणाली होगी:

(i) पद के लिए निर्धारित शैक्षिक योग्यता के अतिरिक्त अधिमानी अहर्ता रखने वाले अभ्यर्थियों को 25 अतिरिक्त अंक प्रदान किये जायेंगे।

(ii) विधवा/तलाकशुदा/परित्यक्ता (महिला) को 10 अतिरिक्त अंक प्रदान किये जायेंगे। परित्यक्ता से आशय उस विवाहित महिला से जिसका पति द्वारा परित्याग कर दिया गया हो और वह अकेले जीवन-यापन कर रही हो। वरीयता क्रम निर्धारित करते समय प्रथम वरीयता विधवा, द्वितीय वरीयता तलाकशुदा एवं तृतीय वरीयता परित्यक्ता महिला अभ्यर्थी को दी जायेगी।

(iii) आवेदक यदि स्थानीय (जनपदीय) निवासी है तो उसे 15 अंक प्रदान किये जायेंगे।

(iv) कर्मचारियों का निगम में हेराफेरी (माईग्रेशन) के पश्चात विभाग को एवं कर्मचारी को एक यूनिक कोड अलाट किया जायेगा।

(v) आरक्षण हेतु विभाग/संस्था को प्रत्येक स्तर पर एक यूनिट माना जायेगा।

(vi) आउटसोर्स्ड कर्मचारियों की मासिक उपस्थिति के लिए संबंधित विभाग के डी0डी0ओ0, उक्त उपलब्ध कराए गए वेबसाईट पर सूचना अपलोड करेंगे। मासिक उपस्थिति की गणना गत माह की 30 तारीख से चालू माह की 29 तारीख होगी।

(vii) आउटसोर्स्ड कर्मचारियों को शैक्षिक योग्यता, अनुभव एवं पारिश्रमिक के अनुसार 04 श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

आउटसोर्स कर्मचारियों के लिये नई शुरुआत

उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम (UPCOS) का गठन राज्य के आउटसोर्सिंग क्षेत्र में एक सुधारवादी और क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल हजारों कर्मचारियों के जीवन में स्थिरता आएगी, बल्कि सरकारी कार्यों की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। यह पहल साबित करती है कि उत्तर प्रदेश सरकार केवल विकास की बातें ही नहीं करती, बल्कि उन लोगों के कल्याण के लिए भी ठोस कदम उठाती है जो इस विकास की नींव में अपना योगदान दे रहे हैं। यह निगम आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए एक विश्वसनीय संरक्षक की भूमिका निभाएगा।

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